Peer Teaching


 कोविड महामारी के कारण बी .एड पाठ्यक्रम के स्कूल इंटर्नशिप चार भागों में विभक्त किया के गया था, जैसे कि पियर टीचिंग, फेस टू फेस टीचिंग , विक्टर्स पाठयोजना और ई.सामग्री । पियर टीचिंग इसका पहला भाग था। पियर टीचिंग केलिए कुल 10 पाठयोजना लिखने की आवश्यकता थी। इसकेलिए मैंने आठवीं कक्षा के सुख दुख नामक कविता और नवीं कक्षा के पक्षी और दीमक नामक कहानी चुना गया। कक्षा निरीक्षण केलिए हमारी सहकर्मियों थे। हमारी प्रिय अध्यापकों अश्वती जी और निशा जी मेरे कक्षा की समीक्षा को थी। कक्षा लेने कुछ सीमायें थी, क्योंकि इस अवस्था में गूगिल मीट के द्वारा ही कक्षा लेना संभव था। पहली कक्षा में कुछ आवाज़ की त्रुटियाँ और तकनीकी समस्याएँ हुई थी , लेकिन अध्यापकों की फीड़बक से मुझे यह सारी कमियाँ को दूर करने का अवसर मिला उनकी कीमती फीडबॉक से मेरी शिक्षण कोशल में प्रगति और परिवर्तन हुई । सहकर्मियों ने भी अपनी मत प्रकट करके मेरी शिक्षण रीति को बेहतरीन बनाने में मदद की मेरेलिए यह बहुत अच्छा अनुभव था

इस शिक्षण रीति द्वारा मुझे अपनी खूबियाँ और कमियों के बारे में पता चली । पहली पिचर टीचिंग कक्षा में होनेवाली बहुत सारी गलतियों को आगे आनेवाले कक्षा में दूर करने की कोशिश की । मेरी क्षमताओं को अपनी अध्यापकों ने मूल्यांकन की और उनके मत फीड़बॉक के द्वारा व्यक्त किया। उनकी फीडबॉक मुझे आनेवाली कक्षा में बहुत मदद की। आवाज की कमी, तकनीकी समस्या आदि को समझने का अवसर इसके द्वारा मुझे मिली। हमारी शिक्षण कौशल जैसे प्रस्तावना, व्याख्या, श्यामपट, प्रश्न आदि का विकास हुआ। मेरेलिए यह बहुत अच्छी शिक्षण की तरीका है। मेरे शिक्षण रीनि में बहुत सुधार हुआ।

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