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Showing posts from February, 2021

फेस टू फेस टीचिंग ( दूसरा हफ्ता )

 फेस टू फेस टीचिंग का दूसरा हफ्ता 17 फरवरी से शुरू किया।मैंने पढ़ाने केलिए उजाला का बाकि भाग, दोहा, खूबसूरत अनुभूति है एवेस्ट और दो व्याकरण भी लिया । इसमें से उजाला कहानी बच्चों को डायरी के रूप में एक नवीन तरीके से लिया । सृजनात्मक प्रतिमान, आगमन चिंतन प्रतिमान, अग्रिम संगठक प्रतिमान आदि के द्वारा कक्षा लेने से बच्चों की ज्ञान बढ़ाने में अवसर मिला । छात्रों की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी थी। निदानात्मक परीक्षा चलाने के लिए बच्चों को व्हाट्सप्प द्वारा गूगिल फार्म भेजा । बच्चों की कठिनाई स्तर को जानकर फिर मैंने उपाच्य शिक्षण दिया । पुनः परीक्षा केलिए कुछ प्रश्न देकर उनकी मूल्याकंन की। उनकी निष्पादन स्तर जानने केलिए अंत में एक उपलब्धि परीक्षा संचालित की । इस परीक्षा के माध्यम से बच्चों की खूबियाँ और कमियाँ को जानने का अवसर मिला । फेस टू फेस टीचिंग से मुझे अपनी शिक्षण प्रक्रिया में सुधार लाने केलिए गुण हुआ । साथ ही मुझे अपनी क्षमताओं को पहचाने का अवसर मिला । मेरी आत्मविश्वस और बढ़ गयी। मेरे लिए यह एक अलग अनुभव था।

Teaching Learning Aids

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Teaching Learning Aids (video )

http://sharevideo1.com/file/RmZEbFJ4N3VyTzA=?t=ytb&f=wh http://sharevideo1.com/file/N2NEQXN2aTJhU0khttp://sharevideo1.com/file/RERYcEZHXzBvSE0=?t=ytb&f=wh=?t=ytb&f=wh http://sharevideo1.com/file/cXRmQV9oeGlOYWc=?t=ytb&f=wh http://sharevideo1.com/file/XzIzZWx5d0Y1UWc=?t=ytb&f=wh https://youtu.be/sC7OPsEQ9Nw https://youtu.be/cRZ-KLm7tNE https://youtu.be/DMsgIjK81Rk https://youtu.be/zcruIov45bI

Innovative Work ( नवीन कार्य )

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 बी. एड पाठ्यक्रम के अनुसार हर छात्रों को चौथा सेमस्टर में एक नवीन कार्य (Innovative work) करने की आवश्यकता है। यह हमारी सृजनात्मकता को बढ़ाता है। मैंने आठवी कक्षा के उजाला नामक पाठ को नवीन कार्य करने केलिए चुना ।  यह एक कहानी है, इस पाठ को मैंने अपनी सृजनात्मकता से  डायरी के रूप में परिवर्तन किया। स्कूल इंटर्नशिप के दूसरे भाग यानि फेस टू फेस टीचिंग के समय यह कार्य छात्रों को दिखाने का अवसर मुझे मिला ।इससे बच्चों बहुत ही आकर्षित हुए थे। मैंने उस पाठ भाग के लेखक ' सेवक राम यात्री 'की डायरी लिखी थी। डायरी का मुख्य संदेश यह था कि "दूसरों को प्रकाश देनेवाले ही अपनी और दूसरों की राह प्रकाशित कर सकता है " आज समाज में ऐसे लोग भी हैं जो अपने लिए नहीं दूसरों केलिए जीते हैं । बच्चों को परोपकार का संदेश इससे दिया ।छात्रों को यह नवीन कार्य दिखाने से उन्हें मुख्य संदेश समझाने में आसानी हुई । यह बच्चों को बहुत प्रभावित किया

संज्ञानात्मक नक्शा (Cognitive Map )

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संज्ञानात्मक नक्शा (Cognitive Map), मानसिक प्रतिनिधित्व का एक प्रकार है जो प्रत्येक व्यक्ति को अधिग्रहण कोड, याददाश्त और सूचना कोड तथा अनिवार्य स्थानिक वातावरण और घटना की विशेषताओं के बारे में जानकारी का कार्य करता है | यह अवधारणा 1948 में एडवर्ड टाल्मन द्वारा पेश किया गया था | संज्ञानात्मक नक्शे में मनोविज्ञान, शिक्षा, पुरातत्व, भूगोल, वास्तुकला, योजना, प्रबंधन और इतिहास के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में अध्ययन किया गया है | संज्ञानात्मक मानचित्रों को मानसिक छवियों और अवधारणाओं के रूप में परिभाषित किया जा सकता है , जो उन सूचनाओं की कल्पना करने और उन्हें आत्मसात करने केलिए बनाई गई हैं। वे मानसिक मानचित्र, मन के नक्शे, स्कीमाटा आदि के रूप में संदर्भित करते हैं। मैंने संज्ञानात्मक नक्शा की तैयारी केलिए +1 कक्षा की पहली इकाई ' सपने सुहाने ' को चुना । उसमें 4 पाठभाग थे, जैसे कि अनुताप, मधुऋतु, यह हमारा अधिकार है और जुलूस । फिर मैंने +2 कक्षा की तीसरी इकाई 'मान सम्मान मिले नारी को ' नक्शा बनाने केलिए लिया । इसमें भी 4 पाठभाग है जैसे कि ज़मीन एक स्लेट का नाम है, मुरकी उर्फ बुल...

फेस टू फेस टीचिंग (पहला हफ्ता )

 बी.एड पाठ्यक्रम के स्कूल इंटर्नशिप दो भागों में विभक्त किया गया था ।इसमें दूसरा भाग था - फेस टू फेस टीचिंग ।।पूरे 15 पाठयोजना फेस टू फेस टीचिंग केलिए लेना था । मुझे पढ़ाने केलिए अञ्चालुमूड जी.एच.एस .एस स्कूल के 20 छात्रों को मिला । पहला हफ्ता फरवरी 9 से शुरू किया । मैंने आठवी कक्षा के ज्ञानमार्ग, उजाला पाठभाग ही लिया । गूगिल मीट के सहारे मैंने छात्रों को शिक्षा दी ।फेस टू फेस टीचिंग के माध्यम से मैंने अपनी शिक्षण रीति में सुधार ले आयी जैसे कि दृश्य श्रव्य माध्यमों का उपयोग, गतिविधियाँ देना यह सभी कार्य गूगिल मीट द्वारा भी मुझे संभव हुआ। उनकी सृजन शक्ति को बढ़ने का अवसर मुझे मिला ।   इससे बहुत सारे जानकारियाँ पता हुई । साथ ही मेरी क्षमताओं को इसके द्वारा पहचाने में अवसर मिला । मुझ मैं क्या कमियाँ है और क्या खूबियाँ  यह सारी बातें फेस टू फेस टीचिंग से पता चलता है। अपनी प्रिय अध्यापिका और छात्रों की सच्ची फीडबॉक मुझे अपनी क्षमताओं को और बढ़ाने केलिए मदद की । पहला हफता अच्छी तरह पूर्ति करने का अवसर मिला ।

पियर टीचिंग ( ऑनलाइन )

 मित्र शिक्षण का दूसरा भाग हम लोगों ने गूगिल मीट के द्वारा संपन्न किया।मैंने ऑनलाइन शिक्षण केलिए नवीं कक्षा के गांधीजी गांधीजी कैसे बने नामक पाठ के बाकि भाग और टीवी नामक पाठ भी लिया था।पहली कक्षा में कुछ आवाज़ की त्रुटियाँ और तकनीकी समस्या हुई थी, लेकिन बाद में मुझे यह सारी कमियों को दूर करने का अवसर मिला । अश्विनी जी की कीमती फीडबॉक से मेरी शिक्षण कोशल में प्रगति और परिवर्तन हुई । सहकर्मियों ने भी अपनी मत प्रकट करके मेरी शिक्षण रीति को बेहतरीन बनाने में मदद की । मेरेलिए यह बहुत अच्छा अनुभव था ।

पियर टीचिंग ( ऑफलाइन )

 कोविड़ महामारी के कारण बी.एड पाठ्यक्रम के स्कूल इंटर्नशिप दो भागों में विभक्त किया गया था, जैसे कि पियर टीचिंग और फेस टू फेस टीचिंग ।पियर टीचिंग केलिए कुल 15 पाठयोजना लिखने की आवश्यकता थी। उसमें से सात दिन हम लोगों ने ऑफलाइन लिया और आठ दिन ऑनलाइन कक्षा ली। मैंने ऑफलाइन शिक्षण केलिए नवीं कक्षा के नंगे पैर और गांधीजी गांधीजी कैसे बने नामक पाठभाग लिया था ।कक्षा निरीक्षण केलिए 9 सहकर्मियों थे।हमारी प्रिय अध्यापिका अश्वती जी मेरी कक्षा की समीक्षा की थी। मैंने दृश्य श्रव्य माध्यमों के द्वारा बहुत अच्छी तरह कक्षा ली। बच्चों की प्रतिक्रिया बहुत बढ़िया थी। ऑनलाइन शिक्षण की अपेक्षा ऑफलाइन शिक्षण बहुत प्रभावशाली लगी । बच्चों से सह संबंध करने की सुविधा मिली।