संज्ञानात्मक नक्शा (Cognitive Map )

संज्ञानात्मक नक्शा (Cognitive Map), मानसिक प्रतिनिधित्व का एक प्रकार है जो प्रत्येक व्यक्ति को अधिग्रहण कोड, याददाश्त और सूचना कोड तथा अनिवार्य स्थानिक वातावरण और घटना की विशेषताओं के बारे में जानकारी का कार्य करता है | यह अवधारणा 1948 में एडवर्ड टाल्मन द्वारा पेश किया गया था | संज्ञानात्मक नक्शे में मनोविज्ञान, शिक्षा, पुरातत्व, भूगोल, वास्तुकला, योजना, प्रबंधन और इतिहास के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में अध्ययन किया गया है |

संज्ञानात्मक मानचित्रों को मानसिक छवियों और अवधारणाओं के रूप में परिभाषित किया जा सकता है , जो उन सूचनाओं की कल्पना करने और उन्हें आत्मसात करने केलिए बनाई गई हैं। वे मानसिक मानचित्र, मन के नक्शे, स्कीमाटा आदि के रूप में संदर्भित करते हैं।

मैंने संज्ञानात्मक नक्शा की तैयारी केलिए +1 कक्षा की पहली इकाई ' सपने सुहाने ' को चुना । उसमें 4 पाठभाग थे, जैसे कि अनुताप, मधुऋतु, यह हमारा अधिकार है और जुलूस । फिर मैंने +2 कक्षा की तीसरी इकाई 'मान सम्मान मिले नारी को ' नक्शा बनाने केलिए लिया । इसमें भी 4 पाठभाग है जैसे कि ज़मीन एक स्लेट का नाम है, मुरकी उर्फ बुलाकी, सपने का भी हक नहीं, हाइकू । 'मईमइन्ट ' आप्लिकेशन द्वारा मैंने यह कार्य पूरा किया। संज्ञानात्मक नक्शा ज्ञान को सरल बनाता है और स्मृति को भी बढ़ाता है। यह बहुत संक्षेप या ठोस अर्थों के निमार्ण में प्रभावशाली हैं।





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